खुद पे प्यार आया
पागलपन फिर से एक बार आया,
खुद पे पहली दफा प्यार आया....
अभी तक सोचा सबके लिए,
गलत पे भी अपने होठ थे सीए,
हमेशा ढूंढते रहे दूसरो में प्यार,
खुद से नही किया कभी प्यार का इज़हार,
पागलपन फिर से एक बार आया,
खुद पे पहली दफा प्यार आया....
खुदको हमेशा दूसरों की नज़रों से देखा,
मान लिया यही है मेरी किस्मत की रेखा,
हमेशा किया खुदको अनदेखा,
पागलपन फिर से एक बार आया,
खुद पे पहली दफा प्यार आया.....
आज देखा खुदको आईने में,
आज जाना खुदको सही मायने में,
मोतियों की हूँ मैं वो माला,
सबके नाज़...
खुद पे पहली दफा प्यार आया....
अभी तक सोचा सबके लिए,
गलत पे भी अपने होठ थे सीए,
हमेशा ढूंढते रहे दूसरो में प्यार,
खुद से नही किया कभी प्यार का इज़हार,
पागलपन फिर से एक बार आया,
खुद पे पहली दफा प्यार आया....
खुदको हमेशा दूसरों की नज़रों से देखा,
मान लिया यही है मेरी किस्मत की रेखा,
हमेशा किया खुदको अनदेखा,
पागलपन फिर से एक बार आया,
खुद पे पहली दफा प्यार आया.....
आज देखा खुदको आईने में,
आज जाना खुदको सही मायने में,
मोतियों की हूँ मैं वो माला,
सबके नाज़...