आदती इंसान क्यूँ है...
आसमान तलक आवाज़ आती तो है ।
इन पर्दों पे जाने मौन क्यूं है।
मेरी गली, मेरा शहर है फिर भी सब इतने अनजान क्यूं है।
मेरे लिए लोग गुमनाम क्यूं है।
अपनी उदासी छिपाकर मैंने
खुश रहने की हिदायत तो दी है,
खुद पर लागू करना ...
इन पर्दों पे जाने मौन क्यूं है।
मेरी गली, मेरा शहर है फिर भी सब इतने अनजान क्यूं है।
मेरे लिए लोग गुमनाम क्यूं है।
अपनी उदासी छिपाकर मैंने
खुश रहने की हिदायत तो दी है,
खुद पर लागू करना ...