...

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तेरी पाजेब
इस दशहरा को माँ मुझे तू,
लाल फ्रॉक सिलवा देना,
नन्ही - नन्ही हाथों में मेरी
माँ तू चूड़ियां पहना देना।।

नन्ही मुन्नी गुड़िया की तेरी,
पाजेब पांव में डलवा देना,
और खिलोने भी ढेर सारे
माँ मुझको तू दिलवा देना।

घुंगरू वाले पाजेब पहन
कर खूब माँ मैं तब नाचूंगी,
छम- छम कर के सारे घर
में, इधर-उधर फिर भागूंगी।

गुड़ियां रानी कह कर मुझे,
तू पहले तो खूब पुचकारेगी,
पर मेरी शरारतों को देखकर
फिर प्यार से मुझको डांटेगी।

तुझसे नही बोलूंगी कुछ भी
और रूठ कर बैठ जाऊंगी,
पप्पा के घर आते ही ,भाग
कर गोद में चढ़ जाऊंगी।।
©हेमा