सपने...
लोगो के सपने
लोगों ने लोगों से सपने बनाए।
लोगों से सपनों अपनों
मतलबी दुनियां बनाई।
लोगो की महफ़िल में
अपनों को जलील किया।
किसी अपने ने अपनो को मानने से इन्कार।
क्या था महफ़िल का सिलसिला।।
किसी ज़िन्दगी का इन्कार
किसी को खुद से जादा माना
वो भी हुआ फरार
हम अपनो में सपने देखे और
लोग सपनों में अपना देखे।।।
यही फर्क है।
लोगो में सच्चे दिल में
यही नरक सच्चे दिल में।।,।।
© All Rights Reserved
लोगों ने लोगों से सपने बनाए।
लोगों से सपनों अपनों
मतलबी दुनियां बनाई।
लोगो की महफ़िल में
अपनों को जलील किया।
किसी अपने ने अपनो को मानने से इन्कार।
क्या था महफ़िल का सिलसिला।।
किसी ज़िन्दगी का इन्कार
किसी को खुद से जादा माना
वो भी हुआ फरार
हम अपनो में सपने देखे और
लोग सपनों में अपना देखे।।।
यही फर्क है।
लोगो में सच्चे दिल में
यही नरक सच्चे दिल में।।,।।
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