इकतरफ़ा इश्क़ का शहर-001
"#इकतरफ़ा_इश्क़_का_शहर" (01)
रोज़ाना घंटो बातें करता हूँ उससे,
हर एक लम्हा उसी के साथ बिताता हूँ,
माना कुछ दिन हमारी अनबन थी,
पर, इससे ये थोड़ी न होगा,
की हमारी बातें ही न हों।
हमारी बातें तो रोज़ाना होती हैं,
मैं अपने हाल बताता,
वो अपने मिज़ाज,
मैं फिर किसी बात पे,
उसकी टांग खींचता,
वो नाराज़ होती,
फिर मैं मनाता उसको,
और,
वो झट से मान जाती।
कभी-कभी तो मैं इतने लंबे-लंबे मैसेज कर...
रोज़ाना घंटो बातें करता हूँ उससे,
हर एक लम्हा उसी के साथ बिताता हूँ,
माना कुछ दिन हमारी अनबन थी,
पर, इससे ये थोड़ी न होगा,
की हमारी बातें ही न हों।
हमारी बातें तो रोज़ाना होती हैं,
मैं अपने हाल बताता,
वो अपने मिज़ाज,
मैं फिर किसी बात पे,
उसकी टांग खींचता,
वो नाराज़ होती,
फिर मैं मनाता उसको,
और,
वो झट से मान जाती।
कभी-कभी तो मैं इतने लंबे-लंबे मैसेज कर...