हकीकत है यही यारों।।
मत ढूंढ अपनों में अपनापन कभी
जहां के लोग पूरे मतलबी हैं
गम और खुशी को लगाते रह गले तू
यही तो साथ हैं और कोई नहीं है
आजमा कर देख दुनिया को कभी
तेरे अपने कितने अजनबी हैं
औकात जैसी...
जहां के लोग पूरे मतलबी हैं
गम और खुशी को लगाते रह गले तू
यही तो साथ हैं और कोई नहीं है
आजमा कर देख दुनिया को कभी
तेरे अपने कितने अजनबी हैं
औकात जैसी...