कुछ कर गुजरने का चाहत है
ए जमी आसमा क्या बताऊं कुछ कर गुजरने का चाहत है मगर यह हाथ हालातों में विवश है यह ख्वाब नहीं हकीकत है क्योंकि सोच लेने से साकार नहीं है
मन में एक आग है कभी-कभी लगता है यह सपना एक ख्वाब है ऐसे तो हमारी आंखें बहुत रोती है मगर इस बूंद को हम अश्क नहीं होने देंगे अक्सर तो यह कुछ कर गुजरने का चाहत ना रोने देती है ना सोने देती है
ऐसे तो हमने मौसम को भी अंदाज बदलते हुए देखा फकीरों की हालात सुधर ते हुए देखा मगर पता नहीं अपने अंदर की आगको ना सुलगते हुए देखा ना जलते हुए देखा
बस कुछ कर गुजर जाने का चाहत है बस कुछ कर गुजर जाने कब चाहत है दिल में
w, t santanu
मन में एक आग है कभी-कभी लगता है यह सपना एक ख्वाब है ऐसे तो हमारी आंखें बहुत रोती है मगर इस बूंद को हम अश्क नहीं होने देंगे अक्सर तो यह कुछ कर गुजरने का चाहत ना रोने देती है ना सोने देती है
ऐसे तो हमने मौसम को भी अंदाज बदलते हुए देखा फकीरों की हालात सुधर ते हुए देखा मगर पता नहीं अपने अंदर की आगको ना सुलगते हुए देखा ना जलते हुए देखा
बस कुछ कर गुजर जाने का चाहत है बस कुछ कर गुजर जाने कब चाहत है दिल में
w, t santanu