ऐसा है वो.....
सड़क पर मुझे संभल कर चलने का इशारा किया करता है..
धूप न लगे मुझे इसलिए अक्सर मेरे सर पे मेरा दुपट्टा रख दिया करता है..
अगर दुखो की वजह पुछु कभी..तो बातो को गोल गोल घूमाता है..
अपने गमो को छुपाने के अक्सर वो बहाने बनाता है..
अपनी सारी तकलीफो को छुपाकर वो मुझे हसता है...
अगर कभी रो पडूँ तो मुझे प्यार...
धूप न लगे मुझे इसलिए अक्सर मेरे सर पे मेरा दुपट्टा रख दिया करता है..
अगर दुखो की वजह पुछु कभी..तो बातो को गोल गोल घूमाता है..
अपने गमो को छुपाने के अक्सर वो बहाने बनाता है..
अपनी सारी तकलीफो को छुपाकर वो मुझे हसता है...
अगर कभी रो पडूँ तो मुझे प्यार...