...

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ये दुनियां...
ये दुनियां मेरे समझ के बाहर है
किसी के ओंठों पे झूठ की सच्चाई है
तो सच्चे रूह में बेबसी समाई है

जो रिश्तें निभाता दिल से
हारा हुआ हैं ज़िन्दगी से
जो कोई आजमाता दिमाग़ से
खेल जाता जज्बात से
दुनियां उसे बुलाती बाज़ीगर के नाम से

खाने को जिसके पास खाना नहीं
वो कचड़े से चुन दाना दाना खाता है
जिसके पास कमी नहीं
वो चिंता में भूखे पेट सोता है

दुनियां की रीत पुरानी
जिधर देखो है छाई लाचारी
कोई मोहब्बत के मारे है
तो कोई नौकरी को दर दर भागे है
सब किसी न किसी से हारे है
देखाें सब कितने बेचारे है








© The Unique Girl✨❤️

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