अडिग प्रतीक्षा की लगन...
#प्रतिक्षा
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
मीरा जैसे पाने को मधुसूदन रंग;
भटकते राम गलियां वन -वन की,
है बाँट निहारती सिया रघुवर की;
अश्रु धाराओं से...
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
मीरा जैसे पाने को मधुसूदन रंग;
भटकते राम गलियां वन -वन की,
है बाँट निहारती सिया रघुवर की;
अश्रु धाराओं से...