काग़ज़ों पर ही सिमट जाएगी ज़िन्दगी मेरी
काग़ज़ों पर ही सिमट जाएगी ज़िन्दगी मेरी
एक किताब बन रह जाएगी ज़िन्दगी मेरी
मिलूँगा तुम्हें घर की सफ़ाइयों के दौरान
दीवाली उस दिन मनाएगी ज़िन्दगी मेरी
पढ़ कर मेरे ग़म, आँखें होंगी जब नम तुम्हारी
दिल मेरा भी तब दुःखाएगी ज़िन्दगी मेरी
वो पन्ने...
एक किताब बन रह जाएगी ज़िन्दगी मेरी
मिलूँगा तुम्हें घर की सफ़ाइयों के दौरान
दीवाली उस दिन मनाएगी ज़िन्दगी मेरी
पढ़ कर मेरे ग़म, आँखें होंगी जब नम तुम्हारी
दिल मेरा भी तब दुःखाएगी ज़िन्दगी मेरी
वो पन्ने...