हे राम धन्य हो।
हे राम धन्य तुम्हारा हो,
अभिमानी को ये ज्ञान दिया।।
राष्ट्रधर्म से नहीं बड़ा कुछ,
ढोंगी का सपना चूर किया।।
राम नाम पर राजनीति,
ये कतई हमे बर्दाश्त नहीं।।
राम हमें ले आए है,
राम को हम लाए इतनी हमारी अवकात नहीं।।
धर्म हमारा हमे सिखाता,
महिलाओं का सम्मान करो।।
ये कैसा ढोंगी परमात्मा है,
नारी अस्मत की जिसे परवाह नहीं।।
क्या ये सच में हिंदू है?
जिन्हे शंकराचार्य का मान नहीं।।
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अभिमानी को ये ज्ञान दिया।।
राष्ट्रधर्म से नहीं बड़ा कुछ,
ढोंगी का सपना चूर किया।।
राम नाम पर राजनीति,
ये कतई हमे बर्दाश्त नहीं।।
राम हमें ले आए है,
राम को हम लाए इतनी हमारी अवकात नहीं।।
धर्म हमारा हमे सिखाता,
महिलाओं का सम्मान करो।।
ये कैसा ढोंगी परमात्मा है,
नारी अस्मत की जिसे परवाह नहीं।।
क्या ये सच में हिंदू है?
जिन्हे शंकराचार्य का मान नहीं।।
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