चलो
आओ फिर रात को हसीं कर लें,
गुफ़्तगू फिर कभी कभी कर लें।
तुम मुझे फ़ोन फिर से कर लेना,
बात डरकर दबी दबी कर लें।
फिर चलो थोड़ा सा झगड़ते हैं,
एक दूजे की अनसुनी कर लें।
तुम कहो डर के माँ है सुन लेगी,
हम तिरी बात...
गुफ़्तगू फिर कभी कभी कर लें।
तुम मुझे फ़ोन फिर से कर लेना,
बात डरकर दबी दबी कर लें।
फिर चलो थोड़ा सा झगड़ते हैं,
एक दूजे की अनसुनी कर लें।
तुम कहो डर के माँ है सुन लेगी,
हम तिरी बात...