...

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इश्क की अदालत
बड़ी सिद्दत से कभी वो इश्क निभा रहे थे
प्यार के हर किस्से में वो हमें अपना बता रहें थे

अब जो लगी आदत उनकी तो दामन छूडा रहे हैं
जरा सी बात पर वो दरमियान फासले बना रहे हैं

दे रहें हैं वो सजा वो हमें खुद से अलग कर के
वो हमारी मजबूरियों का कुछ इस कदर फायदा उठा रहे हैं

लगी है इश्क की अदालत आज उनके शहर में
सबके सामने वो खुद को मासुम और हमें बेवफा बता रहें हैं

© rupali shrivastav