फिर क्या बात होती....
#WritcoPoemPrompt110
बेशक मुझे देने के लिए वक़्त नही तुम्हारे पास,
जज़्बात दिया होता तो क्या बात होती |
बेशक समुंदर सी मोहब्बत ना सही,
तपती धूप...
बेशक मुझे देने के लिए वक़्त नही तुम्हारे पास,
जज़्बात दिया होता तो क्या बात होती |
बेशक समुंदर सी मोहब्बत ना सही,
तपती धूप...