राँझा 🌼
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
एक दूसरे से मीलते रहेंगे ...
जैसे मीलती है नृत्य से संगीत की धून
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।१।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
आँवो चलो कहीं खों जाँऐ...
जैसे होते है हवा और बादल एकदूसरें में गुम
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।२।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
जब कुछ भी दिखाई ना दे तों उम्मींद लेके आना...
जैंसे लेकर आती हैं बंद कमरे धूँप
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।३।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
कभी बीना दिखें मुझें दूर से इस तरह निहारना...
जैसे निहारती हैं रातों में धरती को चॉंद-तारों की झुँड
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।४।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
कभी बीना कहें...
एक दूसरे से मीलते रहेंगे ...
जैसे मीलती है नृत्य से संगीत की धून
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।१।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
आँवो चलो कहीं खों जाँऐ...
जैसे होते है हवा और बादल एकदूसरें में गुम
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।२।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
जब कुछ भी दिखाई ना दे तों उम्मींद लेके आना...
जैंसे लेकर आती हैं बंद कमरे धूँप
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।३।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
कभी बीना दिखें मुझें दूर से इस तरह निहारना...
जैसे निहारती हैं रातों में धरती को चॉंद-तारों की झुँड
राँझा सा मैं जोगन सी तुम ।।४।।
राँझा सा मैं जोगन सी तुम
कभी बीना कहें...