ek dard
एक दर्द छिपा है! सीने में; थी दिक्कत मुझको ! जिने में; था मुश्किल अपमान के घुट को पीना! हा मानती हूँ आसान नहीं था! जीना! कोई नहीं था साथ में! काम के लिए निकली अकेली रात में! थामें अपने कर्मो की डोर! निकल पड़ी अपनी मंजिल की ओर! _वर्षा राजपूत