...

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कर्म करता जा
आंधी है तूफान है
डगमाता यहां आत्मविश्वास है,
तू चलता जा, आगे बढ़ता जा
मत कर चिंता तू परिणाम की,
तू सब्र कर तु कर्म कर।
क्या हुआ अगर असफल होगा
अगर कुछ न हुआ तो तजुर्बा होगा,
लहरों में जायेगा
तभी तो गोते खायेगा,
यूं डरता रहा लहरों से
तो कैसा नौका पार करवाएगा,
डूबेगा सूरज असफलता का
चमकेगा चांद तेरी सफलता का,
तू मत कर चिंता परिणाम की
तू कर्म कर तु सब्र कर.....

© sharma