...

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ठीक हो जाएगा सब!!😊🙏🙏
कोई तो दर्द आज बाहर आया है जो इस महामारी को फैलाया है ,

समझाया था! इंसान को भगवान नहीं है तू जिसने पर्यावरण को मजाक बनाया
आज घर से बाहर निकलने को तरसते हैं लोग कल घर के अंदर थे तो बरसते थे लोग

चीजों का गुमान था औरत का ना सम्मान था मुठभेड़ थी आपस में जीतने की न सीखने की सिखाने की ,
डराते थे कागज के नोटों से,
अब ना कागज रहें ना नोट ,
सिले रहे सब होट,
पूछते थे तेरा ठिकाना कहां है,
नोटों पर चलने वाला जमाना कहां है ,
बैठे हो घर...