श्री कृष्ण जन्माष्टमी
काश मैं छोटा-सा नटखट कान्हा होता..✍️✍️
काश मैं छोटा-सा नटखट कान्हा होता तो
मेरे लिए वो छोटी-सी प्यारी राधा रानी बन जाती!
जी भर के अपनी प्यारी राधा रानी से सच्चा प्रेम करता,
उसे बड़े प्यार से पास बुलाकर गले लगाता!
सुख-दुख में हमेशा उसे साथ देता,
अपना सच्चा प्रेम का एहसास कराता!
दोनों एक साथ ख़ूब खेला करते,
एक दूजे को बहुत फ़िक्र रखा करते!
मधुवन में वो मेरी प्रतीक्षा करती,
उसके लिए कुरकुरे और डेयरी मिल्क लाकर देता!
बड़े चाव से वो कुरकुरे और डेयरी मिल्क खाती,
बीच-बीच में मीठी-मीठी बातें भी करती!
सावन के झूले पर उसे प्यार से बिठाता,
जी भर के उसके साथ हंसी और ठहाका लगाते!
चंद्रमा की चांदनी में हम दोनों की मधुर मिलन होती,
पास मेरे धीरे-धीरे आते ही वो सिसक जाती!
चांद-सा मुखड़ा उसकी देखा करता,
अपलक उसकी सुंदरता को निहारा करता!
उसे अपना दिव्य रूप का दर्शन कराता,
हम दोनों के पुनर्जन्म का स्मरण कराता!
किस्मत में ना सही पर दिल में हमेशा उसे बसाकर रखा करता,
पास होती मेरे पास तो उसे कभी अकेला नहीं छोड़ता!
जबतक मेरी दो पल की ज़िंदगी रहती,
उसके आंखों में कभी आंसू नहीं देख सकता!
© Thakuranmol
काश मैं छोटा-सा नटखट कान्हा होता तो
मेरे लिए वो छोटी-सी प्यारी राधा रानी बन जाती!
जी भर के अपनी प्यारी राधा रानी से सच्चा प्रेम करता,
उसे बड़े प्यार से पास बुलाकर गले लगाता!
सुख-दुख में हमेशा उसे साथ देता,
अपना सच्चा प्रेम का एहसास कराता!
दोनों एक साथ ख़ूब खेला करते,
एक दूजे को बहुत फ़िक्र रखा करते!
मधुवन में वो मेरी प्रतीक्षा करती,
उसके लिए कुरकुरे और डेयरी मिल्क लाकर देता!
बड़े चाव से वो कुरकुरे और डेयरी मिल्क खाती,
बीच-बीच में मीठी-मीठी बातें भी करती!
सावन के झूले पर उसे प्यार से बिठाता,
जी भर के उसके साथ हंसी और ठहाका लगाते!
चंद्रमा की चांदनी में हम दोनों की मधुर मिलन होती,
पास मेरे धीरे-धीरे आते ही वो सिसक जाती!
चांद-सा मुखड़ा उसकी देखा करता,
अपलक उसकी सुंदरता को निहारा करता!
उसे अपना दिव्य रूप का दर्शन कराता,
हम दोनों के पुनर्जन्म का स्मरण कराता!
किस्मत में ना सही पर दिल में हमेशा उसे बसाकर रखा करता,
पास होती मेरे पास तो उसे कभी अकेला नहीं छोड़ता!
जबतक मेरी दो पल की ज़िंदगी रहती,
उसके आंखों में कभी आंसू नहीं देख सकता!
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