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कीमत 💞
💞कीमत 💞

शाम का वक्त और एक कप चाय ,
दिल और दिमाग मे उलझन,
और उस उलझन को सुलझाती मैं|

अचानक एक ख्याल ने,
मेरी व्यस्थता मे खलल डाला |
और मुझे ये सोचने पर
कदापि मजबूर कर डाला |

कि बिकता अगर ईमान ,
तो ईमांदारी की कीमत क्या होती ?
सरहद पर जो शहीद हो गया,
उसके खून की कीमत क्या होती ?

गर्भ मे एक ज़िन्दगी को रखकर ,
जो उफ़ तक नहीं करती |
आपकी हर सांस ज़िसकी कर्जदार है ,
उस माँ के दूध की कीमत क्या होती ?

दिन का चैन और ,
रातों की नींद गवांकर ,
बुरी नजरों से महफूज रखने वाले ,
एक पिता के त्याग की कीमत क्या होती ?

वो एहसास जो शब्दों से बयाँ ना हो ,
वो प्रेम , बिकता अगर बाजारों में ,
तो ज़रा फरमाओ कि ,
वफादारी की कीमत क्या होती ?

सृष्टीकर्ता भी धरा पर आकर ,
ज़िनका मोल ना दे पायेंगे ,
ये वो बंधन हैं जीवन के ,
ज़िनके बिना आप् जी भी नहीं पायेंगे |

written by Mohita✍
© Mohita