...

17 views

कुछ बन जाना तेरा
कुछ बन जाना तेरा
सब मिट जाना तेरा
तेरी अस्मत तेरे हाथों
क्यों मर जाना तेरा

बोल बोल के दुनिया सारी
क्या तुझको मिटाएंगी
झुकना होगा इनको इक दिन
जब शोहरतें तेरी आएंगी

मर्ज जो भी तुझको लगेगा
दवा तुझको करना पड़ेगा
भीड़ से होकर अलग तुझको
तन्हा शेर-दिल चलना पड़ेगा

जुबां इनकी चलतीं ज्यादा
जब हारे हैं हम सफ़र में
दिल में इनके आग लगाओ
हर दिल जले हर घर में

दावा अपने का करनें लगेंगे
तेरी जीत पें मरने लगेंगे
बातों से हमको डराने वाले
खुद रूबरू डरने लगेंगे

चेहरा देखा हमने है
जो देते मशवरा रूक जानें का
मिलेंगे इक दिन हम उनसे
पहले कुछ आगे चल जानें का

ज़ेहन दिल साफ़ रखेंगे
बाखुदा सफा एहसास रखेंगे
दुनिया तो कहती रहेगी
हम तो मलंग जज़्बात रखेंगे

गलियों में इनके शोर रहेगा
शोहरत का इन पर ज़ोर रहेगा
बदनाम करने वाले जो हैं
उनके जीवन में दौर रहेगा

-utsav kuldeep




© utsav kuldeep