...

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छ: आळी मोटर 🚍
उडीकता छ: आळी मोटर नै,
गाडी मांय म्हारा दादोसा आवैला,
सैर स्यूं म्हारे घणौ समान लावैला,
माथे साफौ धरियोड़ो, हाथ गेडियो,
खूंवे पर झोलो, आंवता दिसता,
पण म्है तो, मोटर री घराट स्यूं,
पैला ही सामे ही व्हीर हो ज्यांवता,
दो-दो आळा बिस्कुट पुड़ा,
सगळा टाबरां ने देवैला,
हरिया-हरिया टमाटर भी,
घणां सौक स्यूं टाळता,
सामी जावां, समान उतरावां,
बेगी-बेगी चाय चढ़ावां,
नीं तो रोला खांवाला,
उडीकता छ: आळी मोटर नै,
गाड़ी मांय म्हारा दादोसा आवैला,
सैर स्यूं म्हारे घणौ समान लावैला !

सैर स्यूं ल्याता, धोळै धागे पिरोयोड़ी मिसरी री डलिया,
फोड़-फोड़ डबिया मांय भरता, चिनी-चिनी मुंडै म्ह देता,
कदै सागे ल्याता मियोड़ा भुजिया अर फीका चिणा,
रेत मायं सेकण तांई काचा भुंगळा, पींपे म्ह जमाता,
कदै पांती आतो टुकड़ों कचौरी रो,
चरको होतो पण मिठो लागतो,
बीं मै म्हारे दादोसा रो प्रेम निपजतो,
आपरै देसाई -चेतक बिड़ीयां रो बंडल, पेटी रा पूड़ा,
मावड़ी रे बबलू सुपारी रो पैकट, याद स्यूं लावता,
उडीकता छ: आळी मोटर नै,
गाड़ी मायं म्हारा दादोसा आवैला,
सैर स्यूं म्हारे घणौ सामान लावैला !!

बरस बीत ग्या बातां होवै
आज कठै बै गाथा होवै !!

©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️ 22 April, 2023
💭 misSsing_memories@ 2004-07

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