मेरे अनकहे अल्फाज़
अल्फ़ाज़ मेरे शरमा गए,
लफ़्ज़ मेरे लड़खड़ा गए,
होंठ कहते हुए थोड़ा घबरा गए,
हम उनके यूंही क़रीब आ गए,
बिना कुछ कहे दिल में वो समा गए,
और फिर यूंही हम उनसे प्यार कर गए,
धड़कनों को बेकाबू कर गए,
वो अपनी पलकों की छांव कर गए,
हम उनकी यादों में यूंही डूब गए,
मेरी आरज़ू को चाहत में बदल गए।
लफ़्ज़ मेरे लड़खड़ा गए,
होंठ कहते हुए थोड़ा घबरा गए,
हम उनके यूंही क़रीब आ गए,
बिना कुछ कहे दिल में वो समा गए,
और फिर यूंही हम उनसे प्यार कर गए,
धड़कनों को बेकाबू कर गए,
वो अपनी पलकों की छांव कर गए,
हम उनकी यादों में यूंही डूब गए,
मेरी आरज़ू को चाहत में बदल गए।
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