अच्छा लगता है
कभी कभी मुझे बिगड़ना अच्छा लगता है
समझाए कोई लाखों बातें फ़र्क नहीं
डूबके फिर उस पार उतरना अच्छा लगता है
कभी कभी उलझन भी मुझको भाती है
लाख करे कोई दंभ उसे सुलझाने का
बरखा में उन्मादित होना...
समझाए कोई लाखों बातें फ़र्क नहीं
डूबके फिर उस पार उतरना अच्छा लगता है
कभी कभी उलझन भी मुझको भाती है
लाख करे कोई दंभ उसे सुलझाने का
बरखा में उन्मादित होना...