...

6 views

शायद मुझे पहली नजर में उससे प्यार हो रहा था
उसे महस पहली नजर ही तो देखा था
उसके आगे यह जहां , यह समा सब धुंधला सा हो गया था
मेरे आंखों के सामने अब बस उसका मुस्कुराता चेहरा नजर आ रहा था
उस पल मानो मौसम भी कुछ रोमांटिक से हो गया था
मानो मेरे साथ साथ वह भी उसके हुस्न का मरीज हो रहा था
शायद मुझे पहली नजर में उससे प्यार हो रहा था


उसकी जुल्फें उसके गालों से टकरा रही थी
उस चांद से मुखड़े को उसके जुल्फें शायद थोड़ा सता रही थी
वो बड़ी शिद्दत से अपनी उंगलियों से अपने जुल्फों को अपने चेहरे से हटा रही थी
मनो हवाओं को कि उसके जुल्फों से खेलने में मजा आ रहा था
यह सब देख मेरा दिल अब ❤️ थोड़ा-थोड़ा पिघल रहा था
शायद मुझे पहली नजर उससे प्यार हो रहा था


उसके होट गुलाब की तरह खिला हुआ था
हुस्न मनो मखमल से तराशा हुआ था
चेहरे की रौनक किसी रोशनी से भी ज्यादा चमक रही थी
जब वह पलके झुका के थोड़ा शर्मा के मुस्कुरा रही थी
खुदा कसम उसकी इस अदा पर मै फिदा हो रहा था
हां शायद मुझे पहली नजर में उससे प्यार हो रहा था


उसे देख परियां इस जहां में भी होती है
बचपन में सुनी कहानियां अब सच हो रही थी
मानो मेरे जिंदगी का अधूरा ख्वाब पूरा हो रहा था
मेरे दिल से दिमाग तक अब उसका ही बसेरा हो रहा था
मेरी धड़कनें एक बार में सैबार धड़क रही थी
उसकी नजरों से मेरा कत्लेआम हो रहा था
मैं काम का आदमी बेकार हो रहा था
शायद मुझे पहली नजर में उससे प्यार हो रहा था


इधर मैं अपने प्यार का ख्वाब सजा ही रहा था
कि पल भर में सब बदल गया
वह धीरे-धीरे किसी और के करीब से आ रही थी
मेरे नजरों के सामने किसी और को बाहों में भर रही थी
यह देख मानो मैं जिंदा लाश हो रहा था
हवाओं ने भी अपना रुख बदल लिया था
मनो रोशनी भी कहीं गुम हो गई थी और अंधेरा छा गया था
मेरा दिल एक बार फिर से टूट रहा था
तभी दिमाग दिल को समझा रहा था
वो किसी और की है , बेवजह तू उसे अपना ख्वाब बना रहा था
पहली नजर का प्यार , पहली नजर में ही खत्म हो रहा था
शायद मैं कोई सपना देख रहा था


#rjvishwakarma #poetrycommunity #poetrylovers
© R J V I S W A K A R M A