20 views
झुगीयों के शहंशाह
वो चल रहे छोड़ अपनी कर्मभूमि किसलिए
कर रहे प्रस्थान अपनी जन्मभूमि बोलो किसलिए
झुगियो के शहंशाहों को देखिए, वो उड़ रहे है चिड़ियों के पर लिए,
देख मौका राजनेताओं ने अपने स्वार्थ का, बदनाम कर दिया इन्हे बोलो किसलिए।
इनका गुनाह भी तो इतना भारी था,
क्यों आए इन राजाओं के शहर, बोलो किसलिए
महामारी नहीं इनके गमन की वजह, तो क्यूं जा रहे ये गांवों में बोलो किसलिए।
इन्होंने नेताजी की मेहरबानी भी देखी, अमीरी की कई निशानी भी देखी, अरबों के खजाने के मालिक को भी देखा, पर इनको ना देख पाए कोई बोलो किसलिए।
सूर्य देव की मेहरबानी भी इनपर कुछ कम नहीं,
भीषण तपन से जल रहे पांव उनके बोलो किसलिए
आग बरसा रहे ना जाने सिने में कोनसी तपन लिए।
बस ये चलते जा रहे कंकड़ों से लहूलुहान पैरो से बतलाओ किसलिए।
बात कोई नई नहीं जो इनका खून बहा जिंदा रहने के लिए,
कईयों ने दी है अपनी जीवन आहुति आपके आशियाने के लिए।
भूले भूख और प्यास को, बस चल दिए अपने नवजात को लिए
इन शहरों की बेरुखी बताओ किसलिए
जिसने सींचा अपने खून से उसे कर दिया बेदखल बतलाओ किसलिए
© PARTH
कर रहे प्रस्थान अपनी जन्मभूमि बोलो किसलिए
झुगियो के शहंशाहों को देखिए, वो उड़ रहे है चिड़ियों के पर लिए,
देख मौका राजनेताओं ने अपने स्वार्थ का, बदनाम कर दिया इन्हे बोलो किसलिए।
इनका गुनाह भी तो इतना भारी था,
क्यों आए इन राजाओं के शहर, बोलो किसलिए
महामारी नहीं इनके गमन की वजह, तो क्यूं जा रहे ये गांवों में बोलो किसलिए।
इन्होंने नेताजी की मेहरबानी भी देखी, अमीरी की कई निशानी भी देखी, अरबों के खजाने के मालिक को भी देखा, पर इनको ना देख पाए कोई बोलो किसलिए।
सूर्य देव की मेहरबानी भी इनपर कुछ कम नहीं,
भीषण तपन से जल रहे पांव उनके बोलो किसलिए
आग बरसा रहे ना जाने सिने में कोनसी तपन लिए।
बस ये चलते जा रहे कंकड़ों से लहूलुहान पैरो से बतलाओ किसलिए।
बात कोई नई नहीं जो इनका खून बहा जिंदा रहने के लिए,
कईयों ने दी है अपनी जीवन आहुति आपके आशियाने के लिए।
भूले भूख और प्यास को, बस चल दिए अपने नवजात को लिए
इन शहरों की बेरुखी बताओ किसलिए
जिसने सींचा अपने खून से उसे कर दिया बेदखल बतलाओ किसलिए
© PARTH
Related Stories
40 Likes
0
Comments
40 Likes
0
Comments