औरत की ख्वाहिश बहुत बार मरती है
औरत की ख्वाहिश बहुत बार मरती है
उसकी सांसे न जाने कितनी बार घुटती है l
पर ये देखा नही कभी इस समाज ने
और जिसने देख उसने एहसास न किया
जिसने एहसास हुआ चुप्पी साध ली l
पर...
उसकी सांसे न जाने कितनी बार घुटती है l
पर ये देखा नही कभी इस समाज ने
और जिसने देख उसने एहसास न किया
जिसने एहसास हुआ चुप्पी साध ली l
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