काटों के दम पर ही फूल महकते हैं
चुभती बातों को लोग अक्सर बुरा कहते हैं
मगर काटों के दम पर ही फूल महकते हैं
चाहें छोड़ दे अकेला उन्हें ये सारा ज़माना
मगर बेबाक लोग बदतमीजी नहीं सहते हैं
जिन्हें इश्क़ था बहुत लोगों के सोहबत से
वो लोगों के छुअन से अब मुरझाए दिखते हैं
जो जमी हो जड़ें ...
मगर काटों के दम पर ही फूल महकते हैं
चाहें छोड़ दे अकेला उन्हें ये सारा ज़माना
मगर बेबाक लोग बदतमीजी नहीं सहते हैं
जिन्हें इश्क़ था बहुत लोगों के सोहबत से
वो लोगों के छुअन से अब मुरझाए दिखते हैं
जो जमी हो जड़ें ...