फ़रियाद
हर तरफ हैं मेरे दिल के कातिल कदम बढ़ाए
बेबस इतने, चाहकर भी ना कर पाए दूर दुख
था कभी जो हमारा,...
बेबस इतने, चाहकर भी ना कर पाए दूर दुख
था कभी जो हमारा,...