हालात इस तरह के है।
अब तुम खयालो में पूर्व से ज्यादा मिलने लगी हो,
जैसे मानो के मेरे सारे दोष धोने लगी हो।
यह आत्मा मेरी हर वक्त तुझ्मे चाहती है खोना,
यह अश्क मेरे तेरे आखों के तेज को नीहार ने के बाद भूल जाते है रोना।
खयाल तुम्हरा प्रदान करता शीतलता,
मानो सोया हू छाव मे जो देता पेड़ पीपल का ।
इस आत्मा की भावनाओ को कागज पर...
जैसे मानो के मेरे सारे दोष धोने लगी हो।
यह आत्मा मेरी हर वक्त तुझ्मे चाहती है खोना,
यह अश्क मेरे तेरे आखों के तेज को नीहार ने के बाद भूल जाते है रोना।
खयाल तुम्हरा प्रदान करता शीतलता,
मानो सोया हू छाव मे जो देता पेड़ पीपल का ।
इस आत्मा की भावनाओ को कागज पर...