अनसुलझी रुह
हाँ आज भी उसे याद करता हूँ..
दिल कि बाते हजार करता हूँ...
कहिं मिल ना जाये मेरी रूह से वोह
उसकि यादो का...
दिल कि बाते हजार करता हूँ...
कहिं मिल ना जाये मेरी रूह से वोह
उसकि यादो का...