...

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" मेरे थानेदार हो तुम "
मेरी जिंदगी के, पहरेदार हो तुम,
हम है कैदी, मेरे थानेदार हो तुम.

तुम्हीं से मेरी जीवन में है रौनके,
मेरी दुनिया की तो बहार हो तुम.

सपने दिखाके जी छोड़ न देना,
रग रग में रवां मेरा प्यार हो तुम.

तुम्हें देखकर ही तो जीते है हम,
बेकरार दिल का, करार हो तुम.

क्यों हो मुझे साहिल की चिंता,
मेरी कश्ती के, पतवार हो तुम.

उम्र कैद देना, ज़मानत न देना,
मेरे जिंदगी के, हकदार हो तुम.

© एहसास ए मानसी