...

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कोई मंजिल नहीं
मिले थे किसी राह में
ना ये सोचकर कि...
कभी हम इस तरह से चाहेंगे
ना रह सकेंगे दूर एक पल भी
चल पड़े हैं हमदोनों उस राह पर
ना कोई रास्ता है ना कोई मंजिल है
जाना कहाँ है कुछ पता नहीं
ये प्रेम का बहाब है बहते जाना है
ना कोई ठहराव है ना कोई ठिकाना
बस चलते ही जाना है चलते ही जाना है
मेरे हमदम , मेरे हमराज ना छोड़ना
कभी मेरा साथ ..... जी ना सकूंगी
तुम बिन...... अब जी ना सकूंगी
ऐ मेरे हमसफ़र .... 💕💕💐💐