...

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गजल - इश्क़
मेरे ख़्वाब में कोई आने लगा है,
वो बातों से दिल गुदगुदाने लगा है,
कहीं इश्क़ का है असर तो नहीं ये,
ख़यालों पे भी अब वो छाने लगा है।

यूं चेहरा वो दिल को लुभाने लगा है,
वही रात दिन याद आने लगा है,
अज़ब बेखुदी का है आलम न पूछो,
नज़र चांद मे भी वो आने लगा है।

नये ख़्वाब दिल ये सजाने लगा है,
अलग ही ये दुनियां बसाने लगा है,
दुआ दिल की पूरी कर दे ख़ुदा बस,
ये सजदे में सर भी झुकाने लगा है।

© शैलशायरी