परिचित होना है
शब्दजाल के भ्रम से कुछ दूर निकलना है
छोड़ के दुनियादारी तेरे सम्मुख बढ़ना है
पाने की चाहत में कुछ न्योछावर करना है
एक और एक ग्यारह का सूत्र समझना है
रिश्तों की डोरी से जिनका...
छोड़ के दुनियादारी तेरे सम्मुख बढ़ना है
पाने की चाहत में कुछ न्योछावर करना है
एक और एक ग्यारह का सूत्र समझना है
रिश्तों की डोरी से जिनका...