...

12 views

शमा की सीख
उस शमा से रश्क कैसा?
जो परहित में खुद को जला रही,
रौशन कर अस्तित्व हमारा,
क्षण-प्रतिक्षण खुद को पिघला रही,
हम सहज भाव से कहते हैं
ये कर्त्तव्य, कर्म है उसका,
खुद को जलाना, पल-पल मिटाना,
यही तो निज धर्म है उसका ,

मगर उसकी छोटी-सी लौ से,
क्यों न सीखें हम...