...

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गज़ल मेरे महबूब
चाहतों का कोई हिसाब नहीं
मेरे महबूब का जवाब नहीं

मेरे होंठो ज़रा संभल जाओ
उसका चेहरा है ये गुलाब नहीं

जो भी कुछ है ये सब हकीक़त है
मेरी...