maine dekha tha!
मैंने देखा था तुम्हें आज,
उसके साथ,
चेहरे पर हंसी और आँखों में चमक लिए,
डाले हुए थे ,
हाथों में उसके,
अपने हाथ।
हाँ! मैंने देखा था तुम्हें,
आज, उसके साथ।
और देखकर तुम्हें, होंठों पर मुस्कान लिए,
बढ़ने लगे थे मेरे कदम,
जाने क्यूँ, ? तुम्हारे पास।
बेशक दिल को अंदाजा था,
कि तुम, देखते ही शायद , मुहॅ फेर लोगे,
और जायज ही तो था,
मेरा ये समझना,
अब रिश्ता है ही क्या, दरमियाँ हमारे, ...
उसके साथ,
चेहरे पर हंसी और आँखों में चमक लिए,
डाले हुए थे ,
हाथों में उसके,
अपने हाथ।
हाँ! मैंने देखा था तुम्हें,
आज, उसके साथ।
और देखकर तुम्हें, होंठों पर मुस्कान लिए,
बढ़ने लगे थे मेरे कदम,
जाने क्यूँ, ? तुम्हारे पास।
बेशक दिल को अंदाजा था,
कि तुम, देखते ही शायद , मुहॅ फेर लोगे,
और जायज ही तो था,
मेरा ये समझना,
अब रिश्ता है ही क्या, दरमियाँ हमारे, ...