काफी दिन हो गए हैं...!
तुमसे मिले हुए, कुछ यूँ ही मन की बात करते हुए..
कुछ ऐसे ही पल में संग- संग जीते हुए
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
मिलन की चाह और , शाम को टेहलने के वो बहाने
दो दिलों का वो चुपके से मिलना, सबके नज़रों से एक दूजे को बचाना
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
तुम्हारे ना आने पर वो उदासी , और आ जाने पर मेरा गुस्सा ,
मनाने पर ना मानना, और मन ही मन खुश होना
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
उन पलों में वो सब कुछ मिलना ,
और फ़िर भी कुछ और पाने की वो दिल ए तमन्ना ,
याद तो है, पर उन पलों को गुज़रे हुए
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
जयश्री ✍🏻
कुछ ऐसे ही पल में संग- संग जीते हुए
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
मिलन की चाह और , शाम को टेहलने के वो बहाने
दो दिलों का वो चुपके से मिलना, सबके नज़रों से एक दूजे को बचाना
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
तुम्हारे ना आने पर वो उदासी , और आ जाने पर मेरा गुस्सा ,
मनाने पर ना मानना, और मन ही मन खुश होना
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
उन पलों में वो सब कुछ मिलना ,
और फ़िर भी कुछ और पाने की वो दिल ए तमन्ना ,
याद तो है, पर उन पलों को गुज़रे हुए
अब तो काफी दिन हो गए हैं...!
जयश्री ✍🏻