उम्र
ये बढ़ती उम्र बड़ी चंचल होती है
लगता है दिन में कई बार बदलती है
सुबह ली अंगड़ाई तो कंधा चटका
ऐसा लगा वक़्त ने पचास पे ला पटका
जूते कसे और सैर कर डाली
यूँ लगा जैसे उम्र चालीस की होने वाली
होके तैयार कुछ मेकअप कर डाला
दर्पण...
लगता है दिन में कई बार बदलती है
सुबह ली अंगड़ाई तो कंधा चटका
ऐसा लगा वक़्त ने पचास पे ला पटका
जूते कसे और सैर कर डाली
यूँ लगा जैसे उम्र चालीस की होने वाली
होके तैयार कुछ मेकअप कर डाला
दर्पण...