...

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वहम था मेरा
वहम था मेरा
या सच में तुम थे
हम तो तेरे प्यार में ग़ुम थे
हर ख्वाब में देखा तुम्हें
हर सह में ढूँढा तुम्हें
तुम जाने कहाँ ग़ुम थे
हम तो तेरे इश्क में बहते चले गए
कतरा कतरा तेरे प्यार में बिखरते चले गए
हम किताब थे, किताब ही रह गए
तुम कहानी थे बदलते चले गए
हम साये की तरह तुझमें समाते चले गए
तुम समय की तरह बदलते चले गए
जब आंख खुली तो तुम रुक्सत हो चुके थे
हमारी दुनिया से दूर जा चुके थे
यही कस्मकस में हैँ की तुम एक हसीन ख्वाब थे
या एक रंगीन हकीकत