...

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राम सा तुम बन के दिखाओ
शीर्षक:राम सा तुम बनके दिखाओ
बन सको अगर जीवन में तो
राम सा तुम बनकर दिखाओ
चलो मर्यादा की परिपाटी पर
चेहरे से सहज भाव झलकाओ
राम सा तुम ...........।।।।
अगर कर सको तो करो कोशिश
रोको चलते मन के तुम अंतर्द्वंद
शांत सरल भाव रख हृदय में
आंखों से शीतलता बरसाओ
राम सा तुम.................!
जीवन एक समर भूमि है स
ंघर्षों से हर तार जुड़ी है
संयमशील बन मग पर चल
हर बाधा पार करके दिखाओ
राम सा तुम...........…....!
खुशी को अंतस में भर लो
हर जन की पीड़ा को हर लो
रूहानियत के नूर में बहते हुए
अलख की प्रेम जोत जलाओ
राम सा तुम................
रावण तो जगह-जगह मिलेंगे
अट्टहास लगा अनहित वे करेंगे
दुर्जन बनने की भावना को तज
सज्जनता का चोला अपनाओ
राम सा तुम .....….........!!!!
सुंदर सुखमय संसार बनाओ
प्यार ही प्यार हरसू फैलाओ
सुंदर चरित निर्माण करते हुए
जीवन अविरल धारा सा बहाओं
हां,राम सा तुम बन कर दिखाओ।
© joo