...

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मैं अपने रास्ते ख़ुद ही बनाऊँगा
क्यूं सुनूं दुनिया मैं तेरी,
क्यों बनती तू सबकी खुदा है
क्यूं चलूं तेरे ही रह पर मैं,
दुनिया !मेरी राह जुदा है

रख अपने रास्ते अपने पास ही
मैं अपने रास्ते खुद ही बनाऊंगा।
नहीं चाहिए किसी का भी रहमोकरम
अपनी मंजिले मैं खुद ही पाऊंगा।।

नहीं चलूंगा मैं कभी भैंड चाल
जैसा कि तू चाहती है मुझे चलवाना।
मैं हूं कर्मवीर अपनी ही मौज वाला
निकल आया आगे मैं छोड़ पीछे अपने जमाना।।

© Dhruv