अनकहा प्रेम।
ना मैं राधा हुई, न मीरा सा नाम मेरा
प्रीति मेरी मुझतक ही, गुमनाम है नाम मेरा ।
बहोरी राह मैंने भी, अश्रुधार रही पानी ही
है...
प्रीति मेरी मुझतक ही, गुमनाम है नाम मेरा ।
बहोरी राह मैंने भी, अश्रुधार रही पानी ही
है...