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मोह
मोह,पानी का बुलबुला जैसे
दलदली रेत पर, किला जैसे
कभी हुस्न को है ये लुभाता
कभी मोह, खुद को लुटाता
मोह धागा, बड़ा कमज़ोर है
दिल लुभाता शातिर चोर है
पर, ध्यान से मोह, माया है ये
कई दिल तोड़कर,आया है ये
इश्क लिबास को संभालिए
नग्न मोह को मत पहनाइये
मोह को हो सके दबाकर रखो
नाम न दो, इसे बचाकर रखो
है मोह कातिल, मौत अंजाम है
ज़रा ध्यानसे जोकर मेरा नाम है
🤡
© Dr. Joker
दलदली रेत पर, किला जैसे
कभी हुस्न को है ये लुभाता
कभी मोह, खुद को लुटाता
मोह धागा, बड़ा कमज़ोर है
दिल लुभाता शातिर चोर है
पर, ध्यान से मोह, माया है ये
कई दिल तोड़कर,आया है ये
इश्क लिबास को संभालिए
नग्न मोह को मत पहनाइये
मोह को हो सके दबाकर रखो
नाम न दो, इसे बचाकर रखो
है मोह कातिल, मौत अंजाम है
ज़रा ध्यानसे जोकर मेरा नाम है
🤡
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