एक बोझल शाम
#मसले हुये अभिलाषा हे और मे हूं
तड़प की तृष्णा हे और मे हूं
रोशनी नहीं हे आज कमरे मे
हे बस...
तड़प की तृष्णा हे और मे हूं
रोशनी नहीं हे आज कमरे मे
हे बस...