6 views
निमंत्रण
मैंने कभी निमंत्रण नहीं भेजा था इन गमो को अपने घर बुलाने का
ये तो आते रहते हैँ स्थाई मेहमान बन कर हम्हेशा की तरह
न चाहते हुए भी हनने सदा दुनिया की मर्जी का ही ख्याल रझा था..।।।....................... हम चाहते तो इंकार भी कर सकते थे लेकिन हमे रहना हैँ इसी दुनिया मे ओरो की तरह
ये तो आते रहते हैँ स्थाई मेहमान बन कर हम्हेशा की तरह
न चाहते हुए भी हनने सदा दुनिया की मर्जी का ही ख्याल रझा था..।।।....................... हम चाहते तो इंकार भी कर सकते थे लेकिन हमे रहना हैँ इसी दुनिया मे ओरो की तरह
Related Stories
8 Likes
1
Comments
8 Likes
1
Comments