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एहसास प्यार का
अपनी कलम में स्याही भर रहा हूं
कविताओं में मैं तुझे लिख रहा हूं
ख्यालों में तुझको बसा रहा हूं
ख्वाबों में मैं तुझसे मिल रहा हूं
तुझे अपनी रूह में उतार रहा हूं
तुझसे बेइंतेहा इश्क कर रहा हूं
जाने क्या क्या शगल कर रहा हूं
खुद को तुझे मैं अर्पण कर रहा हूं
कविताओं में मैं तुझे लिख रहा हूं
ख्यालों में तुझको बसा रहा हूं
ख्वाबों में मैं तुझसे मिल रहा हूं
तुझे अपनी रूह में उतार रहा हूं
तुझसे बेइंतेहा इश्क कर रहा हूं
जाने क्या क्या शगल कर रहा हूं
खुद को तुझे मैं अर्पण कर रहा हूं
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