...

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खुश हूँ.. 🤟😎
खुश हूँ..
मगर बेवजह हूँ..
उदास हूँ..
मगर वजह से हूँ..
अंसमझ हूँ..
मगर सबके हिसाब से हूँ..
समझदार हूँ..
मगर अपने हिसाब से हूँ..
वक्त की पाबंद हूँ..
मगर अपने ख्याल से हूँ..
आलसी हूँ..
मगर दुनिया की नजर में हूँ..
मैं खुद की नजर में हूँ..
मगर खुदा के पास में हूँ..
मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च में हूँ..
मगर शिवा (🕉🔱📿) को दिल दरिया में समाकर बैठी हूँ..
दकियानूसी सोच के खिलाफ हूँ..
मगर ऊँचे khawawon से उड़ान भरना चाहती हूँ..
बुलंद ए आसमां पर जाना चाहती हूँ..
मगर जमीं पर कदम टिकना चाहती हूँ..
ख्याली दुनिया में सफ़र करती हूँ..
मगर खुद की जमीं ए हक़ीकत से रूबरू हूँ..
पाक साफ़ सुनाने वाली हूँ..
मगर गुमनाम भीड़ में खामोश परिंदा हूँ..
मैं चंचल पागल सयानी हूँ..
मगर दिल दिमाग की लाजबाब हूँ..
खुद ही खुद से बात करती हूँ..
मगर खुदा की सुनती हूँ..
मैं जैसे भी बनी हूँ..
बस खुदा की कारीगरी पर शुक्र गुजार हूँ..
मैं नायाब हूँ..
तो खुदा का भेजा हुआ नायाब तोहफा हूँ ..
हाँ मैं खुश हूँ..
क्योंकि मैं खुद खुदा का भेजा हुआ पैगाम हूँ.. by क्षमा सैनी 😎🤟